भगवान शिव की पूजा आराधना करने हेतु वार्षिक उत्सव के रूप में महाशिवरात्रि मनाई जाती है
मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने पूरी सृष्टि को हलहाल विष से बचाया था
भगवान शिव त्रिलोक के स्वामी है। पूरी सृष्टि के पालक एवं संहारकर्त्ता है
महाशिवरात्रि मनाने का महत्व पुराणों तथा धर्म ग्रंथों में विदित है
शिवरात्रि
के दिन शिव भक्त सवेरे से लेकर शाम तक भगवान शिव का ध्यान करते हैं
जब व्यक्ति अपने स्वभाव को भूलकर भगवान शिव में ध्यान लगाते हैं। तो उन्हें एक पूजा का एहसास होता है
भगवान शिव की पूजा आराधना करने हेतु बसंत ऋतु के फाल्गुनी मास की चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है
अमावस्या से 4 दिन पहले शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व सर्वप्रथम शिव गणों द्वारा मनाया गया था
जैसा कि आप सभी जानते हैं, भगवान शिव त्रिलोकी शक्तियों में एक है। साक्षात शक्ति का स्वरुप है
कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी बताया जाता है। कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था